कभी आप ब्रह्म मुहूर्त में उठकर जगे हैं जगकर अगर देखेंगे तो आकाश में पाएंगे कि भोर होने से ठीक पहले रात्रि तनिक अधिक घनी हो जाती है अर्थात जब समस्याएं अपनी चरम सीमा पर होती हैं तो उनका हल निकट होता है परंतु जो इस अंधकार में हार जाता है वह इस अंधकार में टूट जाता है और जो संघर्ष करता है वह उस अंधकार से ऊभर आता है सदैव याद रखिएगा।



अंतर चाहे कितना भी अंधकार में क्यों ना हो उसके पश्चात एक नया उदय हो उठता है चक्रवात के पश्चात जो शांति आती है उसके पश्चात प्रारंभ होता है सुख जीवन का शुभ भविष्य का सत्य का साथ मनुष्य के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है जब तक मनुष्य सत्य को स्वीकार नहीं करता तब तक उसे असत्य से लड़ने की शक्ति प्राप्त नहीं होती।

जब आप भोजन करते हैं तो आपका पेट स्वीकारता है कि आपका पेट भर चुका है और आप भोजन करना बंद कर देते हैं जब आपको नींद आती है तब क्या होता है आपका मन स्वीकारता है कि आपका शरीर थक चुका है और उसे विश्राम की आवश्यकता है उसी प्रकार जब आपको किसी व्यसन को रोकना हो तो आप को स्वीकार करना होगा कि बस बहुत हो चुका चाहे वह लालच हो या मद्यपान या फिर कुछ भी।

इच्छा निर्णय और निश्चय यह शब्द हमने हमारे जीवन में कई बार सुने हैं जीवन में बहुत बार बहुत कुछ पाने की इच्छा होती है किंतु क्या कुछ अच्छा करने से बदल जाता है। कुछ प्राप्त होता है बंजर धरती पर रहने वाले व्यक्ति की इच्छा होती है कि उसे मीठा जल मिल जाए किंतु उसे नहीं मिलता जिसने कुआं खोदने का निर्णय कर लिया उसे धरा खोदने के लिए कुदाल मिल ही जाती है। और जो निश्चय कर चुका है उसे देर सवेरे वह मीठा जल प्राप्त हो ही जाता है इसलिए जीवन में कभी इच्छा ना करें निर्णय करें और फिर निश्चय सब कुछ प्राप्त होगा।


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