सोयाबीन एक एैसा बीज है इस बीज से तेल, दुध और बहुत सारे खाद्यपदार्थ बनाये जाते है. इस बीज के सेवन से प्रोटीन, फायबर, मैंगनीज, लोह, फास्फोरस, ओमेगा -3 फैटी एसिड, विटामिन बी 2, विटामिन के, पोटेशियम, मैग्नीशियम, पेप्टाइड्स, फाइटोन्यूट्रिएंट्स, आइसो-फ्लेवोनोइड्स, फाइटोस्टेरॉल, बीटा-साइटोस्टेरॉल, कैंपेस्ट्रोल, ग्लाइसेक्लिन, पेप्टाइड्स, डिफेंसिन, कॉग्लिसिनिन, सोयासैपोजेनोलस इन सभी तत्वो के साथ प्रति 100 ग्राम सोया का सेवन करने पर इतने सारे पोषक तत्व मिलते है।


कैलोरी 446, सोडियम 2 मिलीग्राम, प्रोटीन 36 ग्रा, कुल कार्बोहाइड्रेट 30 ग्रा, पोटैशियम 1,797 मिग्रा, 10% विटामिन सी, 87%, 20% विटामिन बी -6, लोहा 70% मैगनीशियम इन सभी तत्वो के कारण शरीर को लाभ मिलता है।

पाचन सुधारने में मदद

सोयाबीन में प्रोटीन की मात्रा अधिक है इसके कारण इससे शरीर में प्रोटीन उच्छित चयापचय कार्य बनाये रखता है. यह प्रोटीन शरीर के कोशिकाओं और रक्त वाहिकाओं ठीक से लाभ देता है. सोयाबीन का प्रोटीन मास, मुर्गी, मछली इनका प्रोटीन सुधारता है. इस लिये विषेश रूप से शाकाहारि इन्सान इसका सेवन करे ताकी शरीर में प्रोटीन पोषण बना रहे।

कैन्सर रोकने में मदद मिलती है

सोयाबीन के सेवन से कैन्सर की शुरुआत को रोकने में मदत मिलती है इसके मुक्त कनो को बेअसर करता है. इस के अलवा सोयाबीन सेवन से फायबर ज्यादा प्रमाण में मिलता है और जठरांत्र प्रणाली पर कम दबाव डालता है, साथ ही कैन्सर जैसी घातक कोशिकाओं रोकने में मदत करता है.

जन्म दोष को मदद करता है

सोयाबीन में विटामिन बी का प्रभाव अधिक है इस के कारण गर्भवती महिलाए सोयाबीन का सेवन अधिक करे फोलिक अम्ल का उच्च स्तर एैसे समय गर्भवती महिलाओ को फायदा दिलाता है. सोयाबीन के सेवन से शिशु को तंत्रिका ट्यूब दोषों से रोकता है, और स्वस्थ बच्चे का जन्म होता है.

डायबेटीज के लिये

डायबेटीज जैसे खतरनाक बिमारी को रोकथाम के लिये सोयाबीन एक प्रभावशाली दवा है. सोयाबीन में इंसुलिन रिसेप्टर्स बढाने ने की क्षमता है, इस लिये डायबेटीज वाले मरीज सोयाबीन का सेवन जरूर करे.

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