दोस्तों अक्सर देखा गया है कि हमारे यहां यदि कोई भी महिला गर्भवती होती है तो उसके शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा कम हो जाती है। ऐसा क्यों इसका क्या कारण है और इसे कैसे पूरा किया जा सकता है। 



1. संपूर्ण जानकारी ना होना

जब भी किसी भी महिला का या स्त्री का गर्भ धारण होता है तोउसे यह नहीं मालूम हो पाता है कि हमें क्या खाना चाहिए और किस समय खाना चाहिए हमें किस तरह के भोजन करना चाहिए और किस तरह का भोजन नहीं करना चाहिए। अक्सर ज्यादातर माताएं इसी वजह से उनका हिमोग्लोबिन कम हो जाता है और अंत में मां और बच्चे पर भी इसका प्रभाव पड़ता है। यदि किसी भी महिला को3 महीने का बच्चा उसके पेट में पल रहा था उसे आयरन और प्रोटीन की आवश्यक अधिक पड़ जाती है। 

लेकिन यह चीज ना उसके घर वाले ध्यान देते और ना गर्भवती महिला यही धीरे-धीरे 5 से 6 महीने का जब गर्भ पल रहा होता है तो हिमोग्लोबिन एकदम डाउन हो जाता है और तब डॉक्टरों से लोग मिलते हैं। एकबारगी हिमोग्लोबिन नॉर्मल करना किसी भी डॉक्टर की बस की बात नहीं है या तो उसे फिर खून चढ़ाएं या इंजेक्शन द्वारा उसे कुछ टानिक की दवाइयां दी जाए। लेकिन यह सब ज्यादा खासकर और कारगर नहीं हो पाता है। इसके लिए दोस्तों आपको सही समय पर और सही जानकारी होना बहुत ही आवश्यक है। कि जब 3 महीने का गर्भ पल रहा हो तभी से हरी और फलदार सब्जियां दूध अंडे और प्रोटीन के लिए आप भुने हुए चने और दलिया का सेवन जरूर करें। उसके साथ दोस्तों आप संतरे और अनार का जूस 2525 ग्राम खाली पेट जरूर लेना चाहिए।

जब आपका बच्चा 6 से 7 महीने के बीच में पल रहा हो यह जूस की मात्रा 50 ग्राम कर देना चाहिए। और भोजन आपको डेढ़ गुना प्रोटीन और विटामिन की मात्रा बढ़ा देनी चाहिए। यदि आप सभी इसी प्रकार से खान-पान का ध्यान रखते हैं किसी भी गर्भवती महिला के शरीर में खून की कमी कभी भी नहीं आएगी। और उसका हिमोग्लोबिन बराबर रहेगा।


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